Sunday 17 May 2015

जिनका दृष्टिकोण एकान्तवादी होता है, वे अपने सम्प्रदाय की प्रशंसा और दूसरों के सम्प्रदाय की निंदा करते हैं | वे बंध जाते है असत्य के नागपाश से, ऐसे तर्कों का प्रतिवादन करनेवाले, धर्म और अधर्म के कोविद नहीं होते, वे दुःख से मुक्त नहीं होते, जैसे पंजर में बंधा शकुनि, अपने को मुक्त नहीं कर पाता पंजर से |
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Posted by Unknown On 5/17/2015 02:13:00 pm No comments

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